डेंगू बुखार में क्या खाएं: हर साल बरसात के मौसम में डेंगू का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। यह एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलती है। डेंगू बुखार अगर समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा भी बन सकता है। इस लेख में हम डेंगू से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देंगे – जैसे इसके लक्षण, कारण, बचाव और इलाज।
डेंगू क्या है?
डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो Aedes aegypti नामक मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। डेंगू वायरस 4 प्रकार के होते हैं – DENV-1, DENV-2, DENV-3, और DENV-4। एक बार डेंगू होने के बाद भी दोबारा हो सकता है।

डेंगू के प्रकार
- साधारण डेंगू बुखार (Dengue Fever) – हल्का बुखार और दर्द।
- डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) – खून बहने की समस्या शुरू हो जाती है।
- डेंगू शॉक सिंड्रोम (DSS) – खून का दबाव गिरने लगता है, यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू के लक्षण आमतौर पर मच्छर के काटने के 4-10 दिन बाद दिखते हैं।
- तेज बुखार (104°F तक)
- सिरदर्द
- आंखों के पीछे दर्द
- मांसपेशियों और जोड़ो में तेज दर्द
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- नाक, मसूड़ों या पेशाब से खून आना
- थकान और कमजोरी
डेंगू के कारण
- संक्रमित मच्छर के काटने से
- साफ जमा पानी में मच्छरों का पनपना (गमले, कूलर, टायर आदि)
- खराब स्वच्छता और गंदगी
डेंगू की पहचान कैसे करें?
डेंगू की पुष्टि के लिए निम्न टेस्ट किए जाते हैं:
- NS1 एंटीजन टेस्ट
- CBC (Complete Blood Count)
- IgM/IgG एंटीबॉडी टेस्ट
- प्लेटलेट काउंट – जो डेंगू में गिरता है (1.5 लाख से नीचे आ सकता है)
डेंगू का इलाज
डेंगू के लिए कोई विशेष एंटीवायरल दवा नहीं है। इलाज मुख्यतः लक्षणों को नियंत्रित करने पर आधारित होता है:
- आराम करें और अधिक पानी पिएं
- बुखार के लिए पैरासिटामोल (Aspirin और Ibuprofen न लें)
- प्लेटलेट बहुत कम हो जाएं तो अस्पताल में भर्ती जरूरी
- गंभीर हालत में IV fluid और प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन किया जाता है
डेंगू से बचाव
- मच्छरदानी का प्रयोग करें
- पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें
- मच्छर भगाने वाले क्रीम और स्प्रे का उपयोग करें
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- कूलर, गमले, टायर आदि की सफाई करें
- सरकारी फॉगिंग में सहयोग करें
डेंगू में क्या खाएं?
- नारियल पानी, फल और ताजे जूस
- पपीते के पत्तों का रस (कुछ हद तक लाभकारी)
- सूप, खिचड़ी, दलिया जैसे हल्के भोजन
- ज्यादा मसालेदार और तली चीजों से बचें
- भरपूर पानी पिएं
बच्चों और बुजुर्गों में डेंगू
बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उनके मामले गंभीर हो सकते हैं।
- लक्षण दिखते ही डॉक्टर से सलाह लें
- समय पर जांच और प्लेटलेट की निगरानी करें
- उन्हें तरल पदार्थ देते रहें
डेंगू से जुड़ी गलतफहमियां
- गलतफहमी: सिर्फ गंदगी में मच्छर पनपते हैं।
सच्चाई: डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है। - गलतफहमी: पपीते का पत्ता डेंगू का इलाज है।
सच्चाई: यह सिर्फ एक घरेलू उपाय है, इलाज नहीं। - गलतफहमी: डेंगू सिर्फ बच्चों को होता है।
सच्चाई: यह सभी उम्र के लोगों को हो सकता है।
निष्कर्ष
डेंगू से डरने की नहीं, समझदारी से निपटने की जरूरत है। सही जानकारी, समय पर जांच और सतर्कता से इस बीमारी से बचा जा सकता है। बरसात के मौसम में विशेष ध्यान रखें और घर व आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें।

नमस्ते!मेरा नाम सुशील गौड (Sushil Gaur) है। मैं एक हिंदी ब्लॉग लेखक हूँ और Daily Ki Life नाम का ब्लॉग चलाता हूँ। इस ब्लॉग पर सेहत, घरेलू नुस्खे, ज़िंदगी के आसान टिप्स और जानकारी भरे विषयों पर लिखता हूँ। लिखना मेरा शौक है और लोगों की मदद करना मेरा इरादा। अगर मेरे लेख से किसी को थोड़ा भी फायदा हो जाए, तो मुझे खुशी मिलती है।